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इस गीत की किन पंक्तियों को तुम अपने आसपास की जिंदगी में घटते हुए देख सकते हो?
इस इस गीत की इन निम्नलिखित पंक्तियों को हम अपने आसपास की जिंदगी में घटते हुए देख सकते हैं-
साथी हाथ बढ़ाना
एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना।
साथी हाथ बढ़ाना।
हम मेहनतवालों ने जब भी मिलकर कदम बढ़ाया।
गीत में सीने और बाहों को फौलादी क्यों कहा गया है?
सीने और बाहों का फौलादी होना हमारे मजबूत इरादों का प्रतीक है। आपके पास हम असंभव कार्य को संभव करने की सोचते हैं और उसे पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास और परिश्रम करने लगते हैं। कभी का मानना है कि एक और परिश्रम के बल पर हम पर्वत को झुका सकते हैं ऐसी इरादों और उनको साकार करने की इच्छा रखने वाले परिश्रमी मनुष्यों के सीना और बाहों फौलादी कहा गया है।
‘सागर ने रस्ता छोड़ा, पर्वत ने सीस झुकाया,’ साहिर ने ऐसा क्यों कहा है? लिखो।
इन पंक्तियो के माध्यम से कवि साहिर एकता और परिश्रम के महत्व को दर्शाना चाहते है। कवि का कहना है की हम मिलकर निरंतर परिश्रम से पर्वत को झुकाने जैसा संभव कार्य भी सरल तरीके से कर सकते हैं। असंभव कार्य को भी संभव बना सकते हैं। एकता और मेहनत के बल से कठिनाइयों का सागर भी रास्ता देता है।
‘एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना ‘
1. तुम अपने घर में इस बात का ध्यान केसे रख सकते हो.?
2. पापा के काम और माँ के काम क्या- क्या है.?
3. क्या वे एक दूसरे का हाथ बँटाते है.?
1. हम अक्सर देखते है की हमारे घरबार के काम माँ ही संभालती है यदि हम अपने छोटे- मोटे कार्य जेसे – बिस्तर बनाना , अपना कमरा साफ़ करना स्वयं करेंगे तो उनका कुछ बोझ कम होगा और उनको सहायता मिलेगी।
2. पापा और माँ मिलकर घर-….. चलाने का कठिन काम को सफलता पूर्वक पूर्ण करते है। जहाँ माँ भोजन बनाके हमारा पेट भरती है, होम्वर्क में हमारी मदद करती है तथा घर का ख़्याल रखती है। दूसरी ओर पापा हमारे भोजन के लिए अन्न कमाते है, स्कूल की फ़ीस भरते है और यह सुनिश्चित करते है की हमारे ऊपर एक छत बनी रहे।
3. हाँ, मेरे पापा और माँ एक दूसरे की मदद करते है।
अपने आसपास तुम किसे साथी मानते हो और क्यों? इससे मिलते जुलते कुछ और शब्द खोज कर लिखो।
अपने साथी के बारे में कुछ शब्द लिखे। अपना साथी आपका मित्र, सहपाठी ,अध्यापक ,माता पिता, भाई बहन भी हो सकते हैं।
अपना उत्तर लिखते हुए निम्नलिखित बिंदुओं का ध्यान रखें,
1. आप अपने साथी से कब और कहाँ मिले
2. संत आप उन्हें अपना साथी क्यों मानते हैं
3. आप और आपके साथी के जीवन का एक प्रसंग (जो आपके आपसी सहयोग को दर्शाता हो) को भी लिखा जा सकता है।
साथ ही से मिलते जुलते कुछ शब्द,
सखा, मित्र, दोस्त, मीत
अपना दुःख भी एक है साथी, अपना सुख भी एक ‘कक्षा,मोहल्ले और गाँव/ शहर के किस किस तरह के साथियों के बीच तुम्हें इस वाक्य की सच्चाई महसूस होती है और केसे .?
जब हमारा लक्ष्य एक हो तब उपलिखित वाक्य की सच्चाई का ज्ञात होता है।
मोहल्ले के सब निवासी अपने इलाक़े की सुरक्षा और स्वच्छता चाहते है।
गाँव व शहर के निवासी अपनी परिवन सेवाओं को बेहतर चाहते है।
इन उदाहरणो में सभी का एक सामान्य लक्ष्य है। सब मिलकर एक सामान्य सुख चाहते है।
इस गीत को तुम किस माहौल में गुनगुना सकते हो .?
यह गीत कठनाइयो के समय में गुनगुनाने के लिए बना है। यह गुनगुनाने वाले और उसके साथियों को परिश्रम करने की प्रेरणा देता है। और बुरे से बुरे समय में भी हार नहीं मानने देता निरंतर प्रयास और एकता बनाए रखने का संदेश देता है।
यदि तुमने ‘नया- दौर’ फ़िल्म देखी है तो बताओ यह गीत फ़िल्म में कहानी के किस मोड़ पर आता है.? यदि तुमने यह फ़िल्म नही देखी है तो फ़िल्म देखो और बताओ ।
फ़िल्म ‘ नया- दौर’ में कच्ची सड़क को पक्की बनाते होए यह गीत नायक ( दिलीप कुमार) और नायिका ( वेजयंती माला ) के साथ पूरा गाँव गाता है।
नीचे हाथ से जुड़े कुछ मुहावरे दिए है। इनके अर्थ समझो और प्रत्येक मुहावरे से वाक्य बनाओ-
a. हाथ को हाथ ना सूझना
b. हाथ साफ़ करना
c. हाथ- पेर फूलना
d. हाथों हाथ लेना
e. हाथ लगना
a. हाथ को हाथ न सूझना- अर्थ – ( घोर अंधकार होना)
वाक्य- सिनमा घरों में हाथ को हाथ नही सुझता।
b. हाथ साफ़ करना – अर्थ- ( दूसरे की चीज़ चोरी से ले लेना )
वाक्य- गीता ने मौक़ा मिलते ही सीता की अँगूठी पर हाथ साफ़ कर दिया।
c. हाथ- पेर फूलना – अर्थ-( घबरा जाना)
वाक्य- जंगल में शेर को देख गीता के हाथ पेर फूल गये।
d. हाथों- हाथ लेना – अर्थ- ( सम्मानपूर्वक आवभगत करना)
वाक्य- राहुल की सरकारी नौकरी लगते ही सब उसकी हाथों हाथ करने लगे।
e. हाथ लगना – अर्थ ( शुरू करना)
वाक्य- गीता ने इस पाठ को अभी तक हाथ भी नही लगाया है।
अकेला चना भाड़ नही फोड़ सकता। एक और एक मिलकर ग्यारह होते है।
a. ऊपर लिखी कहावतों का अर्थ गीत की किन पंक्तियो से मिलता जुलता है.?
b. इन दोनो कहावतों का अर्थ कहावत- कोश में देखकर समझो और उनका वाक्यों में प्रयोग करो।
a. एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना।
एक से मिले तो कतरा, बन जाता है दरिया
एक से एक मिले तो ज़र्रा, बन जाती है सेहरी
एक से एक मिले तो राई, बन सकती है परबत
b. अकेला चना भाड़ नही फोड़ सकता अर्थात्- कोई बलवान भी अकेले जंग नही जीत सकता ।
वाक्य- मेने भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई, परंतु कोई अकेला चना भाड़ नही फोड़ सकता इसलिए मुझे आप का सहयोग चाहिए।
एक और एक ग्यारह होना – अर्थ- एकता में बल होना
जेसे ही भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ मेरी जंग में लोग जुड़ने लगे, वेसे ही भ्रष्टाचार कम होने लगा, आख़िर एक और एक ग्यारह होते है।
कल गैरों की खातिर की आज अपनी खातिर करना इस वाक्य को गीतकार इस प्रकार कहना चाहता है- (तुमने) कल गैरों की खातिर ( मेहनत) की आज (तुम) अपनी खातिर करना।
इस वाक्य में 'तुम' कर्ता है जो गीत की पंक्ति में छंद बनाए रखने के लिए हटा दिया गया है। उपर्युक्त पंक्ति में रेखांकित शब्द 'अपनी' का प्रयोग कर्ता 'तुम' के लिए हो रहा है, इसलिए यह सर्वनाम है। ऐसे सर्वनाम जो अपने आप के बारे में बताएँ निजवाचक सर्वनाम कहलाते हैं । ( निज का अर्थ अपना होता है।) निजवाचक सर्वनाम के तीन प्रकार होते हैं जो नीचे दिए वाक्यों में रेखांकित हैं-
मैं अपने आप (या आप ) घर चली जाऊँगी।
बब्बन अपना काम खुद करता है। सुधा ने अपने लिए कुछ नहीं खरीदा |
अब तुम भी निजवाचक सर्वनाम के निम्नलिखित रूपों का वाक्यों में प्रयोग करो
अपने से
अपने को
अपने पर
अपना
आपस में
अपने लिए
अपने से – हमारे देश के जवानो ने अपनी रक्षा से पहले देश की रक्षा की है।
अपने को, अपने को धर्म के मार्ग में चलना चाहिए।
अपने पर, राम ने शाम की गलती अपने पर ले ली।
आपस में, राम और श्याम आपस में ही हँसी मजाक करते रहते हैं।
अपने लिए, राम ने अपने लिए एक नया पजामा लिया।
इस गीत में परबत, रस्ता , सीस, इंसा जैसे शब्दों के प्रयोग हुए हैं। इन शब्दों के प्रचलित रूप लिखो।
परबत- पर्वत/पहाड़
सीस- शीश( कविता की चोटी)
रस्ता- सड़क
इंसा – आदमी
हाथ और हस्त एक ही शब्द के दो रूप हैं। नीचे दिए शब्दों में हस्तियों और हाथ छिपे हैं। शब्दों को पढ़कर बताओ कि हाथों का इनमे क्या काम है,
हाथघड़ी
हस्तशिल्प
हस्तक्षेप
हथौड़ा
हथकंडा
निहत्था
हस्ताक्षर
हथकरघा
हाथ घड़ी- हाथ पर पहनने वाली घड़ी।
हस्तशिल्प-हाथों से बनाया गया शिल्प का काम।
2, दखल देना।
हथौड़ा, लोहे का औजार जिसकों हाथ से पकड़कर पीटा जाता है।
हथकंडा, अनुचित चाल चल के अपना काम करवाया।
निहत्था, बिन हथियार।
हस्ताक्षर, अपना नाम या उससे मिलता झूलता कुछ लिखकर अपनी सहमति प्रकट करना।
हथकरघा, हाथ से बनाया गया कपड़ा।
बातचीत करते समय हमारी कीमतें हाथ की हरकत से प्रभावशाली होकर दूसरे तक पहुंचती हैं।
हाथ की हरकत से यह हाथ के इशारे से भी कुछ कहा जा सकता है। नीचे लिखें हाथ के इशारे किन अवसरों पर प्रयोग होते हैं? लिखो,
क्यों पूछते हाथ
मना करते हाथ
समझते हाथ
बुलाते हाथ
आरोप लगाते हाथ
चेतावनी देते हाथ
जोश दिखाते हाथ
क्यों पूछते हाथ - सवाल पूछते समय।
मना करते हाथ-इंकार करते समय।
समझाते हाथ- ज्ञान देते समय।
बुलाते हाथ- जब किसीको अपने पास बुलाना हो।
आरोप लगाते हाथ- आरोप लगाते हुए।
चेतावनी देते हाथ- सावधान करते समय।
जोश दिखाते हाथ- हिम्मत भरी बात करते हुए।
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