Chapter 8 of the Class 7 NCERT Hindi textbook features the poem "Shaam Ek Kisan" by Sarveshwar Dayal Saxena. The verses poetically describe the serene and picturesque evening. The poet splendidly depicts the beauty of nature during dusk, emphasizing the tranquility and pleasant weather. The mountains are personified, resembling a farmer sitting with the sky akin to the turban on the farmer's head.
The NCERT Solution for Class 7 Hindi Vasant पाठ 8- शाम एक किसान are tailored to help the students master the concepts that are key to success in their classrooms. The solutions given in the PDF are developed by experts and correlate with the CBSE syllabus of 2023-2024. These solutions provide thorough explanations with a step-by-step approach to solving problems. Students can easily get a hold of the subject and learn the basics with a deeper understanding. Additionally, they can practice better, be confident, and perform well in their examinations with the support of this PDF.
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Students can access the NCERT Solution for Class 7 Hindi Vasant पाठ 8- शाम एक किसान. Curated by experts according to the CBSE syllabus for 2023–2024, these step-by-step solutions make Hindi much easier to understand and learn for the students. These solutions can be used in practice by students to attain skills in solving problems, reinforce important learning objectives, and be well-prepared for tests.
मोर के बोलने पर कवि को लगा जैसे किसी ने कहा हो – ‘ सुनते हो ‘ । नीचे दिए गए पक्षियों की बोली सुनकर उन्हें भी एक या दो शब्दों में बाँधिए-
कबूतर कौआ मैना
तोता चील हंस
कबूतर - खत लाया हूँ ।
मैना - गीत सुनाऊँ ?
चील - देखते हो ।
कौआ - मेहमान आने वाले हैं ।
तोता - राम- राम ।
हंस - हमेशा शांत रहो ।
शाम का दृश्य अपने घर की छत या खिड़की से देखकर बताइए-
(क) शाम कब से शुरू हुई ?
(ख) तब से लेकर सूरज डूबने में कितना समय लगा ?
(ग) इस बीच आसमान में क्या – क्या परिवर्तन आए ?
(क) लगभग 6 बजे के आसपास जब सूरज पश्चिम की ओर पहुँचा तब शाम शुरू हुई ।
(ख) 6 बजे से लेकर सूरज डूबने में लगभग एक से डेढ घंटे का समय लगा ।
(ग) इस दौरान नीले आसमान में लालिमा छा गई और देखते ही देखते धीरे – धीरे सूरज डूबने लगा और अंधेरा हो गया ।
इस कविता में शाम के दृश्य को किसान के रूप में दिखाया गया है - यह एक रूपक है । इसे बनाने के लिए पाँच एकरूपताओं की जोडी बनाई गई है । उन्हें उपमा कहते हैं । पहली एकरूपता आकाश और साफ़े में दिखाते हुए कविता में ' आकाश का साफ़ा ' वाक्यांश आया है । इसी तरह तीसरी एकरूपता नदी और चादर में दिखाई गई है , मानो नदी चादर - सी हो । अब आप दूसरी , चौथी और पाँचवी एकरूपताओं की खोजकर लिखिए ।
दूसरी एकरूपता – सूरज की चिलम
चौथी एकरूपता – पलाश के जंगल की अंगीठी
पाँचवी एकरूपता – भेडों के गल्ले सा अंधकार
हिंदी के एक प्रसिद्ध कवि सुमित्रानंदन पंत ने संध्या का वर्णन इस प्रकार किया है-
संध्या का झुटपुट-
बाँसों का झुरमुट-
चहक रहीं चिड़ियाँ
टी - वी - टी - टुट् – टुट्
ऊपर दी गई कविता और सर्वेश्वरदयाल जी की कविता में आपको क्या मुख्य अंतर लगा ? लिखिए।
ऊपर दिए गए कवि सुमित्रानंदन के लिखे गए कविता में और पाठ के कविता , इन दोनों में ही शाम के दृश्य को दर्शाया गया है । लेकिन इन दोनों में मुख्य अंतर यह है कि सर्वेश्वरदयाल जी की कविता में उन्होंने शाम की दृश्य एक कृषक के नज़रिए से दिखाया है और कवि सुमित्रानंदन पंत ने संध्या का वर्णन एक पंछी के नज़रिए से दिखाए है । यही दोनों कविता के मुख्य अंतर है ।
इस कविता को चित्रित करने के लिए किन - किन रंगों का प्रयोग करना होगा ?
इस कविता को चित्रित करने के लिए हमें निम्नलिखित रंगों का प्रयोग करना होगा-पीला , सुनहरा , सफ़ेद , लाल , काला , हरे आदि रंगों की आवश्यकता होगी ।
शाम के समय ये क्या करते हैं ? पता लगाइए और लिखिए-
पक्षी खिलाड़ी फलवाले माँ
पेड़ - पौधे पिता जी किसान बच्चे
(i) पक्षी - अपने घोंसले में लौट आते हैं ।
(ii) खिलाड़ी - अपना खेल समाप्त करके विश्राम करते हैं ।
(iii) फलवाले - फल बेचते हैं ।
(iv) माँ- रात का खाना तैयार करती हैं ।
(v) पेड़ – पौधे - अपनी जगह पर खड़े रहते हैं मानो विश्राम कर रहे हो ।
(vi) पिता जी - दफ्तर से घर को आते हैं ।
(vii) किसान - खेतों से लौटकर अपने घर आते हैं ।
(viii) बच्चे - खेलकर वापस अपने घर को आते हैं ।
शाम के बदले यदि आपको एक कविता सुबह के बारे में लिखनी हो तो किन – किन चीज़ों की मदद लेकर अपनी कल्पना को व्यक्त करेंगे ? नीचे दी गई कविता की पंक्तियों के आधार पर सोचिए -
पेडों के झुनझुने
बजने लगे ;
लुढकती आ रही है
सूरज की लाल गेंद ।
उठ मेरी बेटी , सुबह हो गई ।
सर्वेश्वरदयाल सक्सेना - -
है अंधकार अब लुप्त हो गया ,
हर ओर प्रकाश अब होना है ।
उठकर बढना है आगे ,
न देर तलक अब सोना है ।
तेज़ चमकना है हमको ,
सूरज की किरन है बता रही ।
पंछियों की मधुर ध्वनी ,
हम सबको है जगा रही ।
निम्नलिखित शब्दों का प्रयोग आप किन संदर्भो में करेंगे ? प्रत्येक शब्द के लिए दो – दो वाक्य बनाइए
आँधी दहक सिमटा
(i) आँधी - वो आँधी की तरह तेज़ है ।
कल आँधी के आने के बाद सब कुछ नष्ट गया।
(ii) दहक - चूल्हें में आग दहक रही है ।
उसके मन में प्रतिशोध की अग्नि दहक रही है ।
(iii) सिमटा - वह डर के मारे एक कोने में सिमटा बैठा है ।
मैं अपना काम सिमटा रहा हूँ ।
नीचे लिखी पंक्तियों में रेखांकित शब्दों को ध्यान से देखिए
(क) घुटनों पर पड़ी है नदी चादर – सी
(ख) सिमटा बैठा है भेड़ों के गल्ले – सा
(ग) पानी का परदा – सा मेरे आसपास था हिल रहा
(घ) मँडराता रहता था एक मरियल – सा कुत्ता आसपास
(ङ) दिल है छोटा – सा छोटी – सी आशा
(च) घास पर फुदकती नन्ही – सी चिड़िया
इन पंक्तियों में सा / सी का प्रयोग व्याकरण की दृष्टि से कैसे शब्दों के साथ हो रहा है ।
यहाँ सा – सी का प्रयोग उन शब्दों के साथ किया जा रहा है जिनकी उपमा दी जा रही है अर्थात इन शब्दों का प्रयोग संज्ञा और विशेषण के साथ हो रहा। जैसे – चादर की तुलना नदी से की जा रही है ।