Discover comprehensive and accessible learning resources with NCERT Solutions for Class 8 Hindi Durva Chapter 2. This educational material, aligned with the NCERT curriculum, aims to empower students with clear and concise explanations, facilitating a deeper understanding of the chapter's core concepts. The meticulously crafted NCERT Solutions not only elucidate new terminologies but also provide an in-depth analysis of key events, enhancing students' retention of crucial information.
The NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 2 - Do Goraya are tailored to help the students master the concepts that are key to success in their classrooms. The solutions given in the PDF are developed by experts and correlate with the CBSE syllabus of 2023-2024. These solutions provide thorough explanations with a step-by-step approach to solving problems. Students can easily get a hold of the subject and learn the basics with a deeper understanding. Additionally, they can practice better, be confident, and perform well in their examinations with the support of this PDF.
Download PDF
Students can access the NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 2 - Do Goraya. Curated by experts according to the CBSE syllabus for 2023–2024, these step-by-step solutions make Hindi much easier to understand and learn for the students. These solutions can be used in practice by students to attain skills in solving problems, reinforce important learning objectives, and be well-prepared for tests.
देखो जी, चिड़ियों को मत निकालो। माँ ने पिताजी से गंभीरता से यह क्यों कहा?
माँ ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि चिड़ियों ने अपना घोंसला बना लिया था तथा उसने अंडे भी दे दिए थे। यदि पिताजी चिड़िया को निकाल देते तो वे अपने बच्चों से बिछड़ जाते तथा ये बिछड़ने का दर्द केवल माँ ही जानती हैं।
दोनों गौरैयों को पिताजी जब घर से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे थे तो माँ क्यों मदद नहीं कर रही थी? बस, वह हँसती क्यों जा रही थी?
माँ पिताजी का मज़ाक उड़ा रही थी क्योंकि पिताजी कभी ताली बजाकर तो कभी श-शू करके गौरैयों को उड़ा रहे थे। गौरैया घोंसले से सिर निकाल कर झाँकती चीं-चीं करती फिर घोसले में वापस चली जाती। यह देखकर माँ हँसने लगती है। माँ ये नहीं चाहती थी कि गोरैया घर से बाहर जाये क्योंकि माँ को पता था कि उन्होंने अपने अंडे दे दिए होंगे और वे अपने बच्चों को छोड़कर नहीं जा सकती।
"किसी को सचमुच बाहर निकालना हो तो उसका घर तोड़ देना चाहिए," पिताजी ने गुस्से में ऐसा क्यों कहा? क्या पिताजी के इस कथन से माँ सहमत थी? क्या तुम सहमत हो? अगर नहीं तो क्यों?
चिड़ियों के लगातार शोर मचाने व तिनके गिरने के कारण पिताजी ने यह कहा। पिताजी के इस कथन से माँ बिल्कुल भी सहमत नहीं थी और हम भी सहमत नहीं है क्योंकि क्या पता उसे अंडे हो जो कि घोसला हटाने से फुट जाए और नन्ही चिड़ियाँ मर जाये।
कमरे में फिर से शोर होने पर भी पिताजी अबकी बार गौरैया की तरफ़ देखकर मुसकुराते क्यों रहे?
जब पिताजी घोंसले को तोड़ रहे थे, तभी उसमें से चीं-चीं की आवाज़ आई तथा उसमें रखे अंड़ों में से बच्चे निकल आए थे, तभी पिताजी ने घोंसला वापस रख दिया क्योंकि पिताजी को बच्चों को देखकर दया आ गई। अब पिताजी नीचे उतर आए इसके बाद चिड़िया दाने लाकर अपने बच्चों को खिलाने लगी। यह देखकर पिताजी मुस्कुरा रहे थे क्योंकि अब उन्हें पता चल गया था कि बच्चे होने के थोड़े दिनों बाद वे बच्चों को लेकर अपने आप ही चली जाएँगी।
इस कहानी के शुरू में कई पशु-पक्षियों की चर्चा की गई है। कहानी में वे ऐसे कुछ काम करते हैं जैसे मनुष्य करते हैं। उनको ढूँढ़कर तालिका पूरी करो:
(क) पक्षी – घर का पता लिखवाकर लाए हैं।
(ख) बूढ़ा चूहा –
(ग) बिल्ली –
(घ) चमगादड़ –
(ङ) चींटियाँ –
(क) पक्षी – घर का पता लिखवाकर लाए हैं।
(ख) बूढ़ा चूहा –अंगीठी के पीछे बैठता है शायद सर्दी लग रही है।
(ग) बिल्ली – फिर आऊँगी कह कर चली जाती है।
(घ) चमगादड़ – पंख फौज़ ही छावनी डाले हुए हैं।
(ङ) चींटियाँ – इनकी फौज़ ही छावनी डाले हुए है।
"पिताजी बोले, क्या मतलब? मैं कालीन बरबाद करवा लूँ?" ऊपर दिए गए वाक्य पर ध्यान दो और बताओ कि:
(क) पिताजी ने यह बात किससे कही?
(ख) उन्होंने यह बात क्यों कही?
(ग) गौरैयों के आने से कालीन कैसे बरबाद होता?
(क) पिताजी ने यह बात माँ से कही।
(ख) उन्होंने यह बात इसलिए कही क्योंकि चिड़ियाँ जो भी चीजें घोंसला बनाने के लिए लाती थी वे कालीन पर भी गिरते थे जिससे कालीन गन्दा हो जाता था।
(ग) गोरैया के आने से उनके घोंसले के तिनके कालीन पर गिरते तथा गोरैया की बीट भी गिरती इसलिए कालीन खराब हो जाता था।
"पिताजी कहते हैं कि यह घर सराय बना हुआ है।" ऊपर के वाक्य को पढ़ो और बताओ कि:
(क) सराय और घर में क्या अंतर होता है? आपस में इस पर चर्चा करो।
(ख) पिताजी को अपना घर सराय क्यों लगता है?
(क) सराय अर्थात किराये का घर। इसमे घर किसी और का और रहता कोई और है इसके बदले में वे घर के मालिक को किराया देते है जबकि घर में उसी का परिवार रहता है जिस व्यक्ति का वह घर होता है।
(ख) पिताजी को अपना घर सराय इसलिए लगता था क्योंकि उनके घर में तरह-तरह के पशु-पक्षी आकर रहने लगते थे जैसे गोरैया, चींटी, चूहा, बिल्ली आदि।
नीचे माँ द्वारा कही गई कुछ बातें लिखी हुई हैं। उन्हें पढ़ो।
"अब तो ये नहीं उड़ेंगी। पहले इन्हें उड़ा देते, तो उड़ जातीं।"
"एक दरवाज़ा खुला छोड़ो, बाकी दरवाज़े बंद कर दो। तभी ये निकलेंगी।"
"देखो जी, चिड़ियों को मत निकालो। अब तो इन्होंने अंडे भी दे दिए होंगे। अब ये यहाँ से नहीं जाएँगी।"
अब बताओ कि:
(क) क्या माँ सचमुच चिड़ियों को घर से निकालना चाहती थीं?
(ख) माँ बार-बार क्यों कह रही थीं कि ये चिड़ियाँ नहीं जाएँगी?
(क) नहीं, माँ सचमुच चिड़ियों को घर से निकालना नहीं चाहती थीं क्योंकि उन्हें संदेह था कि चिड़ियों ने अंडे दे दिए होंगे। इस समय उन्हें निकालना ठीक नहीं है।
(ख) माँ को लग रहा था कि अब तक तो चिड़ियों ने घोंसले में अंडे भी दे दिए होंगे और अब अंडे छोड़कर चिड़िया नहीं जाएगीं।
चुक –चूक
(क) अब उनकी सहनशीलता चुक गई।
(ख) उनका निशाना चूक गया।
अब तुम भी इन शब्दों को समझो और उनसे वाक्य बनाओ।
1. सुख –सूख
(क) ...........................................................................................
(ख) ...........................................................................................
2. धुल –धूल
(क) ...........................................................................................
(ख) ...........................................................................................
3. सुना –सूना
(क) ...........................................................................................
(ख) ...........................................................................................
1. सुख – सूख
(क) राम की नोकरी लगने के बाद उसके घर में सुख के दिन आ गये।
(ख) उसका पूरा शरीर सूख गया था। खाने के बाद भी वह मोटा नहीं हुआ।
2. धुल – धूल
(क) गंगा जी मे स्नान करने से मैं अपने पापों के मैल से धुल गया।
(ख) आज तो बहुत ही धूल भारी आंधी चल रही है।
3. सुना – सूना
(क) सुना है आज प्रधनमंत्री जी देश को संबोधित करेंगे।
(ख) बेटे के घर से जाने के बाद घर में सूना-सा लग रहा हैं।
The NCERT solution for Class 8 Chapter 2: Do Goraya is important as it provides a structured approach to learning, ensuring that students develop a strong understanding of foundational concepts early in their academic journey. By mastering these basics, students can build confidence and readiness for tackling more difficult concepts in their further education.
Yes, the NCERT solution for Class 8 Chapter 2: Do Goraya is quite useful for students in preparing for their exams. The solutions are simple, clear, and concise allowing students to understand them better. They can solve the practice questions and exercises that allow them to get exam-ready in no time.
You can get all the NCERT solutions for Class 8 Hindi Chapter 2 from the official website of the Orchids International School. These solutions are tailored by subject matter experts and are very easy to understand.
Yes, students must practice all the questions provided in the NCERT solution for Class 8 Hindi Chapter 2: Do Goraya as it will help them gain a comprehensive understanding of the concept, identify their weak areas, and strengthen their preparation.
Students can utilize the NCERT solution for Class 8 Hindi Chapter 2 effectively by practicing the solutions regularly. Solve the exercises and practice questions given in the solution.