Class 8 Hindi Vasant Chapter 28, titled "Jab Cinema Ne Bolna Seekha," delves into a pivotal moment in Indian cinema history—the advent of the first talkie. Orchid International School recommends utilizing the NCERT Solutions for a comprehensive understanding of the chapter. By downloading the PDF file, students can access a valuable resource that aids in answering exercise questions, thereby facilitating thorough preparation. This educational tool emphasizes the profound impact of the first talkie on the Indian entertainment landscape. Orchid International School encourages students to leverage these solutions to enhance their grasp of the subject matter and appreciate the transformative role of cinema in shaping cultural narratives.
The NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 28 - Jab Cinema Ne Bolna Seekha are tailored to help the students master the concepts that are key to success in their classrooms. The solutions given in the PDF are developed by experts and correlate with the CBSE syllabus of 2023-2024. These solutions provide thorough explanations with a step-by-step approach to solving problems. Students can easily get a hold of the subject and learn the basics with a deeper understanding. Additionally, they can practice better, be confident, and perform well in their examinations with the support of this PDF.
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Students can access the NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 28 - Jab Cinema Ne Bolna Seekha. Curated by experts according to the CBSE syllabus for 2023–2024, these step-by-step solutions make Hindi much easier to understand and learn for the students. These solutions can be used in practice by students to attain skills in solving problems, reinforce important learning objectives, and be well-prepared for tests.
जब पहली बोलती फ़िल्म प्रदर्शित हुई तो उसके पोस्टरों पर कौन-से वाक्य छापे गए। उस फिल्म में कितने चेहरे थे? स्पष्ट कीजिए।
देश की पहली बोलती फिल्म के विज्ञापन के लिए पोस्टरों में छापे गए वाक्य इस प्रकार थे 'वे सभी सजीव हैं, साँस ले रहे हैं, शत-प्रतिशत बोल रहे हैं, अठहत्तर मुर्दा इंसान जिंदा हो गए, उनको बोलते, बातें करते देखो। पाठ के आधार पर आलम आरा में कुल मिलाकर 78 चेहरे थे अर्थात उस पर काम कर रहे थे।
पहली बोलती फिल्म बनाने के लिए फिल्मकार अर्देशिर एम. ईरानी को प्रेरणा कहाँ से मिली? उन्होंने आलम आरा फिल्म के लिए आधार कहाँ से लिया । विचार व्यक्त कीजिए।
फिल्मकार अर्देशिर एम.ईरानी ने 1929 में हॉलीवुड की एक बोलती फिल्म शो ‘बोट’ देखी और तभी उनके मन में बोलती फिल्म बनाने की इच्छा जगी। इस फिल्म का आधार उन्होंने पारसी रंगमंच के एक लोकप्रिय नाटक से लिया।
विठ्ठल का चयन आलम आरा फिल्म के नायक के रूप हुआ, लेकिन उन्हें हटाया क्यों गया? विट्ठल ने पुन: नायक होने के लिए क्या किया?अपने विचार प्रकट कीजिए।
विट्ठल को उर्दू बोलने में परेशानी होती थी,जिस कारण उन्हें फ़िल्म से हटाया गया था । परंतु पुन: अपना हक पाने के लिए उन्होंने अदालत में मुकदमा कर दिया। जिसके बाद विठ्ठल वह मुकदमा जीत गए और फिर वें भारत की पहली बोलती फिल्म के नायक बनें।
पहली सवाक् फिल्म के निर्माता-निदेशक अर्देशिर को जब सम्मानित किया गया, तब सम्मानकर्ताओं ने उनके लिए क्या कहा था? अर्देशिर ने क्या कहा? और इस प्रसंग में लेखक ने क्या टिप्पणी की है ? लिखिए।
पहली सवाक् फिल्म के निर्माता-निर्देशक अर्दशिर को प्रदर्शन के पच्चीस वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य पर सम्मानित किया गया और उन्हें "भारतीय सवाक् फिल्मों का पिता" कहा गया तो उन्होंने उस अवसर पर कहा था, - "मुझे इतना बड़ा खिताब देने की जरूरत नहीं है, मैंने तो देश के लिए अपने भाग का एक जरूरी योगदान दिया है। इस प्रसंग को बताते हुए लेखक ने अर्देशिर को स्वभाव से विनम्र कहा है।
मूक सिनेमा में संवाद नहीं होते, उसमें दैहिक अभिनय की प्रधानता होती है। पर, जब सिनेमा बोलने लगा तो उसमें अनेक परिवर्तन हुए। उन परिवर्तनों को अभिनेता, दर्शक और कुछ तकनीकी दृष्टि से पाठ के आधार से खोजें और साथ ही अपनी कल्पना का भी उपयोग करें।
मूक सिनेमा ने बोलना सीखा तो सिनेमा में बहुत सारे बदलाव हुए। बोलती फिल्म बनाने के कारण अभिनेताओं पढ़ा-लिखा होना जरूरी हो गया, क्योंकि अब उन्हें संवाद भी बोलने पड़ते थे। फ़िल्म देखने वाले दर्शकों पर भी अभिनेताओं का प्रभाव पड़ने लगा। नायक-नायिका के लोकप्रिय होने से औरतें अभिनेत्रियों के बालों की सजावट तथा उनके कपड़ों की नकल करने लगी। दृश्य और बोल के माध्यम से एक ही फ़िल्म में साथ मिल जाने से तकनीक के नज़रिये से भी बहुत सारे बदलाव हुए।
डब फ़िल्म किसे कहते हैं। कभी-कभी डब फ़िल्मों में अभिनेता के मुंह खोलने और आवाज आने में अंतर आ जाता है। इसका कारण क्या हो सकता है?
फिल्मों में जब अभिनेताओं को दूसरे की आवाज़ दी जाती है तो उसे डब कहते हैं। कभी-कभी फिल्मों में आवाज़ तथा अभिनेता के मुंह खोलने में अंतर आ जाता है क्योंकि डब करने वाले और अभिनय करने वाले के बोलने का समय एक समान नहीं होता और शक्ति एक समान नहीं होती या किसी तकनीकी दिक्कत के कारण ऐसा हो जाता है।
सवाक् शब्द वाक् के पहले स लगाने से बना है। स उपसर्ग से कई शब्द बनते हैं। निम्नलिखित शब्दों के साथ 'स' का उपसर्ग की भांति प्रयोग करके शब्द बनाएँ और शब्दार्थ में होने वाले परिवर्तन को बताएं।
हित, परिवार, विनय, चित्र, बल, सम्मान।
शब्द-उपसर्ग वाले शब्द
1.हित- सहित
2.परिवार - सपरिवार
3.विनय - सविनय
4.चित्र- सचित्र
5.बल- सबल
6.मान- सम्मान
उपसर्ग और प्रत्यय क्या होते हैं।हिन्दी के कुछ उपसर्ग बताइये और पाठ में आए हुये उपसर्ग और प्रत्यय युक्त शब्दों को लिखिए।
उपसर्ग और प्रत्यय दोनों ही शब्दांश होते हैं। वाक्य में इनका अकेला प्रयोग नहीं होता। इन दोनों में फर्क बस इतना होता है कि उपसर्ग किसी भी शब्द में पहले लगता है और प्रत्यय शब्द के बाद लगाया जाता है।
हिंदी के सामान्य उपसर्ग इस प्रकार हैं-आ ,अ न, नि,दु,का,कु.स/सु, अध, बिन, औ आदि।
पाठ में आए उपसर्ग और प्रत्यय युक्त शब्दों के कुछ उदाहरण नीचे दिए जा रहे हैं-
मूल शब्द |
उपसर्ग |
प्रत्यय |
शब्द |
वाक् |
स |
- |
सवाक् |
लोचना |
सु |
- |
सुलोचना |
फ़िल्म |
- |
कार |
फ़िल्मकार |
कामयाब |
- |
ई |
कामयाबी |
इस प्रकार के 15 उपसर्ग और 15 प्रत्यय शब्दों के उदाहरण खोजकर लिखिए और अपने सहपाठियों को दिखाइए।
मूल शब्द |
उपसर्ग |
शब्द |
पुत्र |
सु |
सुपुत्र |
घट |
औ |
औघट |
सार |
अनु |
अनुसार |
मुख |
आ |
आमुख |
परिवार |
स |
सपरिवार |
नायक |
अधि |
अधिनायक |
मरण |
आ |
आमरण |
संहार |
उप |
उपसंहार |
ज्ञान |
अ |
अज्ञान |
यश |
सु |
सुयश |
कोण |
सम |
समकोण |
कर्म |
सत् |
सत्कर्म |
राग |
अनु |
अनुराग |
बंध |
नि |
निबंध |
पका |
अध |
अधपका |
मूल शब्द |
प्रत्यय |
शब्द |
चाचा |
एरा |
चचेरा |
लेख |
क |
लेखक |
काला |
पन |
कालापन |
लड़ |
आई |
लड़ाई |
सज |
आवट |
सजावट |
अंश |
तः |
अंशतः |
सुनार |
इन |
सुनारिन |
जल |
ज |
जलज |
पर |
जीवी |
परजीवी |
ख़ुद |
आई |
ख़ुदाई |
ध्यान |
पूर्वक |
ध्यानपूर्वक |
चिकन |
आहट |
चिकनाहट |
विशेष |
तया |
विशेषतया |
चमक |
ईला |
चमकीला |
भारत |
ईय |
भारतीय |
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Yes, students must practice all the questions provided in the NCERT solution for Class 8 Hindi Chapter 28: Jab Cinema Ne Bolna Seekha as it will help them gain a comprehensive understanding of the concept, identify their weak areas, and strengthen their preparation.
Students can utilize the NCERT solution for Class 8 Hindi Chapter 28 effectively by practicing the solutions regularly. Solve the exercises and practice questions given in the solution.