The Class 8 Hindi Vasant Chapter 30, titled "Jaha Pahiya Hain," presents students with a valuable learning opportunity. These NCERT Solutions for Class 8 Hindi serve as essential study materials, offering precise and comprehensive answers to the textbook questions within this particular chapter. By utilizing these solutions, students can enhance their understanding of the content and, in turn, improve their performance in examinations.
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क्या आप लेखक की इस बात से सहमत हैं? अपने उत्तर का कारण भी बताइए।
‘...उन जंजीरों को तोड़ने का जिनमें वे जकड़े हुए हैं, कोई-न-कोई तरीका लोग निकाल ही लेते है..’ लेखक के इस कथन से हम सहमत हैं क्योंकि मनुष्य अपने स्वभाव के अनुसार अधिक समय तक बंधनों में बंधकर नहीं रह सकता हैं। समाज के द्वारा बनाई गई रूढिया और रूढ़िवादी प्रथाएँ अपनी सीमाओं को लाँघने लगे तो समाज में इसके विरूद्ध एक क्रांति अवश्य जन्म लेती है, जो इन रूढ़ियों के बंधनों को तोड़ डालती है। ठीक वैसे ही तमिलनाडु के पुडुकोट्टई गाँव में हुआ है। महिलाओं ने अपनी स्वाधीनता व आज़ादी के लिए साइकिल चलाना प्रारंभ किया और वह आत्मनिर्भर हो गई।
'साइकिल आंदोलन से पुडुकोट्टई की महिलाओं के जीवन में कौन-कौन से बदलाव आए हैं।
‘साइकिल आंदोलन' से पुडुकोट्टई की महिलाओं के जीवन में निम्नलिखित बदलाव आए:
महिलाएँ अपनी स्वाधीनता व आज़ादी के प्रति जागरूक हुई।
कृषि उत्पादों को निकट के गाँवों में बेचकर उनकी आर्थिक स्थिति सुधरी और इस कारण वे आत्मनिर्भर हो गई।
समय और मेहनत की बचत हुई।
शुरूआत में पुरुषों ने इस आंदोलन का विरोध किया परंतु आर. साइकिल्स के मालिक ने इसका समर्थन किया, क्यों?
शुरूआत में पुरुषों ने इस आंदोलन का विरोध किया क्योंकि उन्हें डर था इससे नारी समाज में प्रगति आ जाएगी। आर. साइकिल्स के मालिक गाँव के एकमात्र लेडीज साइकिल के डीलर थे, इस आंदोलन से उसकी आय में वृद्धि होना स्वभाविक था। इसलिए उन्होंने स्वार्थवश आंदोलन का समर्थन किया।
प्रारंभ में इस आंदोलन को चलाने में कौन-कौन सी बाधा आई?
फातिमा ने जब इस आंदोलन की शुरूआत की तो उसको बड़ी कठिनाइयों से निपटना पड़ा। उसे लोगों की फब्तियाँ (गंदी टिप्पणियाँ) सुननी पड़ी। फातिमा मुस्लिम परिवार की थी, जो बहुत ही रूढ़िवादी थे। उन्होंने उसके उत्साह को खत्म करने का प्रयास किया। पुरुषों ने भी इस आंदोलन का बहुत विरोध किया। दूसरी कठिनाई यह थी कि लेडीज साइकिल वहाँ पर्याप्त संख्या में उपलब्ध नहीं थी।
आपके विचार से लेखक ने इस पाठ का नाम ‘जहाँ पहिया है’ क्यों रखा होगा?
तमिलनाडु के रूढ़िवादी पुडुकोट्टई गाँव में महिलाओं का पुरुषों के विरूद्ध खड़े होकर ‘साइकिल को अपनी प्रगति के लिए चुनना एक बहुत बड़ा कदम था। पहिए को गतिशीलता का प्रतीक माना जाता है और इस साइकिल आंदोलन से महिलाओं की ज़िंदगी भी गतिशील हो गई। लेखक ने इस पाठ का नाम ‘जहाँ पहिया है’ तमिलनाडु के पुडुकोट्टई गाँव के साइकिल आंदोलन के कारण ही रखा होगा।
अपने मन से इस पाठ का कोई दूसरा शीर्षक सुझाइए। अपने दिए हुए शीर्षक के पक्ष में तर्क दीजिए।
‘साइकिल करेंगी महिलाओं को आत्मनिर्भर' भी इस पाठ के लिए उपयुक्त नाम हो सकता है क्योंकि साइकिल आंदोलन से महिलाएँ अपनी स्वाधीनता व आज़ादी के प्रति जागरूक हुई। कृषि उत्पादों को निकटवर्ती गाँवों में बेचकर उनकी आर्थिक स्थिति सुधरी और इस तरह वे आत्मनिर्भर हो गई। इस कारण से यह शीर्षक भी उपयुक्त है।
साइकिल चलाने से फातिमा और पुडुकोट्टई की महिलाओं को आज़ादी का अनुभव क्यों होता होगा?
फातिमा के गाँव में पुरानी रूढ़िवादी परम्पराएँ थीं। वहाँ औरतों का साइकिल चलाना सही नहीं माना जाता था। इन रुढियों के बंधनों को तोड़कर स्वयं को पुरुषों की बराबरी का पद देकर फातिमा और पुडुकोट्टई की महिलाओं को आज़ादी का अनुभव होता होगा।
"..उन जंजीरों को तोड़ने का जिनमें वे जकड़े हुए हैं, कोई-न-कोई तरीका लोग निकाल ही लेते हैं।"
आपके विचार से लेखक ‘जंजीरों’ द्वारा किन समस्याओं की ओर इशारा कर रहा है।
लेखक ‘जंजीरों’ द्वारा रूढ़िवादी प्रथाओं को चिन्हित कर रहा है।
उपसर्गों और प्रत्ययों के बारे में आप जान चुके हैं। इस पाठ में आए उपसर्गयुक्त शब्दों को छाँटिए। उनके मूल शब्द भी लिखिए। आपकी सहायता के लिए इस पाठ में प्रयुक्त कुछ उपसर्ग और प्रत्यय इस प्रकार है - अभि, प्र, अनु, परि, वि(उपसर्ग), इक, वाला, ता, ना।
उपसर्ग
अभि - अभिमान
प्र - प्रयल
अनु - अनुसरण
परि - परिपक
वि - विशेष
प्रत्यय
इक - धार्मिक (धर्म + इक)
वाला - किस्मतवाला (किस्मत + वाला)
ता - सजीवता (सजीव + ता)
ना - चढ़ना (चढ़ + ना)
नव - नवसाक्षर (नव + साक्षर)
ता - गतिशीलता (गतिशील + ता)
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