One notable chapter is Class 7 Vasant Chapter 1, which is intricately woven with deeper meanings that might pose a challenge for students to comprehend fully. However, Class 7 Hindi Vasant Chapter 1 NCERT Solutions are readily available online. These solutions meticulously elucidate every nuance embedded within the chapter.
The NCERT Solutions for Class 7 Hindi वसंत - पाठ 1 हम पंछी उन्मुक्त गगन के are tailored to help the students master the concepts that are key to success in their classrooms. The solutions given in the PDF are developed by experts and correlate with the CBSE syllabus of 2023-2024. These solutions provide thorough explanations with a step-by-step approach to solving problems. Students can easily get a hold of the subject and learn the basics with a deeper understanding. Additionally, they can practice better, be confident, and perform well in their examinations with the support of this PDF.
Download PDF
Students can access the NCERT Solutions for Class 7 Hindi वसंत - पाठ 1 हम पंछी उन्मुक्त गगन के. Curated by experts according to the CBSE syllabus for 2023–2024, these step-by-step solutions make Hindi much easier to understand and learn for the students. These solutions can be used in practice by students to attain skills in solving problems, reinforce important learning objectives, and be well-prepared for tests.
स्वर्ण-श्रृंखला और लाल किरण-सी में रेखांकित शब्द गुणवाचक विशेषण हैं। कविता से हूँढ़कर इस प्रकार के तीन और उदाहरण लिखिए।
1. देव - दानव,
2. देश - विदेश,
3.उत्तर - प्रश्न,
4. अपना - पराया,
5. एक - अनेक,
6. गरम - ठंडा,
7.रात - दिन,
8. अमीर - गरीब,
9.सही - गलत,
10.सुबह - शाम
हर तरह की सुख सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद क्यों नहीं रहना चाहते ?
पक्षी आकाश में आजाद उड़ना चाहते है। पिंजरे मे वे अपने पंख नही फैला सकते। अगर वे अपने पंख फैलायेंगे तो पिंजरे की सलाखों से लड़कर उनके पंख टूट जाएंगे। हर तरह की सुख सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में प्रसन्न नहीं रह सकते क्योंकि आजादी की उड़ान उनमें नई उमंग और प्रसन्नता भर देती है। आज़ाद रहकर वे नदी का शीतल पानी पीना चाहते हैं और आसमान की ऊंचाइयों को छुना चाहते हैं।
पक्षी उन्मुक्त रहकर अपनी कौन-कौन सी इच्छाएँ पूरी करना चाहते हैं?
पक्षी उन्मुक्त रहकर खुले आकाश में उड़ना चाहते है। वह नदी का बहता हुआ जल पीना चाहते है, प्रकृति के सुन्दर रूप का आनन्द लेना चाहते है और नीम की कड़वी निबोरिया खाना चाहते है। वे पेड़ की ऊँची टहनियों पर भी झूला झूलना चाहते है।
भाव स्पष्ट कीजिए-
या तो क्षितिज मिलन बन जाता या तनती साँसों की डोरी।
इस पंकित में कवि पक्षियों के माध्यम से कहना चाहता है कि वो आजाद पक्षी होते तो क्षितिज जहाँ धरती और आकाश मिलते है, से मिल जाना चाहते है। पक्षी आकाश में उड़ना चाहते हैं चाहे उनकी सांसों की डोरी टूट जाए भाव इसमें चाहे उनके प्राण चले जाएं।
कई लोग पक्षी पालते हैं
(क) पक्षियों को पालना उचित है अथवा नहीं? अपने विचार लिखिए।
(ख) क्या आपने या आपकी जानकारी में किसी ने कभी कोई पक्षी पाला है? उसकी देखरेख किस प्रकार की जाती होगी, लिखिए।
क) हमारे ख्याल से पक्षियों को पिंजरे में बंद करना उचित नहीं। क्योंकि पक्षी उन्मुक्त होकर खुले आकाश में पंख फैलाकर उड़ना चाहते हैं और नदियों का शीतल जल पीना चाहते हैं, पेड़ की सबसे ऊँची टाहनी पर झूलना चाहते है। पिंजरे में पक्षियों को सारी सुख सुविधा हो लेकिन उड़न उनमें उमंग और प्रसन्नता भर देती है।
ख)अगले पक्षी ने अपना सिर उठाया। प्रदर्शनी से खरीदा। हर दिन घर की सफाई करते हुए पूरे परिवार ने उन्हें बड़े प्यार से प्यार किया। एक कटोरी में तरह-तरह के बर्तन थे और दूसरे में पानी पीने के लिए। मेरे पड़ोसी ने बैरो से घंटों बात की और उसे पार्क में ले आए। तोते के पास उसके परिवार के सभी सदस्यों के नाम थे लेकिन तोते ने उसके दिल का भारी खाना खा लिया। जैसे ही हम अपने बगल के घर के पास पहुंचे उसने हमें आत्मविश्वास से देखा।
पक्षियों को पिंजरे में बंद करने से केवल उनकी आज़ादी का हनन ही नहीं होता, अपितु पर्यावरण भी प्रभावित होता है। इस विषय पर दस पंक्तियों में अपने विचार लिखिए।
अगर हम पक्षियों को पिंजरे में बंद रखेगें तो इससे हमारे पर्यावरण पर भी प्रभाव पड़ता है। पक्षी छोटे छोटे कीड़ों को खाते हैं जिससे उनकी संख्या नियमित होती है। ये कीड़े हमारी फसल को नुकसान पहुँच सकते हैं। पक्षि पर्यावरण में भी अनेक चीजों में सहायक का काम करते हैं। जैसे पक्षि फलों को खाकर बीजों को गिरा देते है जिससे नये पौधे पनपते है। कुछ पक्षी पर्यावरण को साफ रखने का काम करते है। जैसे हमारे द्वारा फैकी रोटी का टुकड़ा खाकर उसे स्वच्छ बनाये रखने का प्रयास करते है।
क्या आपको लगता है कि मानव की वर्तमान जीवन-शैली और शहरीकरण से जुड़ी योजनाएँ पक्षियों के लिए घातक हैं? पक्षियों से रहित वातावरण में अनेक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। इन समस्याओं से बचने के लिए हमें क्या करना चाहिए? उक्त विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन कीजिए।
मानव की वर्तमान जीवन शैली ओर शहरीकरण के लिए मानव अपने रहने के लिए इमारतें बनाने के लिए पेड़ काट रहा है जिससे जंगल कम होते जा रहे है जो कि पक्षियों के लिए घातक है क्योंकि पक्षियों के घर इन पेड़ों पर ही होते है। पेड़ों के कम होने से हमारा पर्यावरण और पानी भी प्रदूषित हो रहा है, पक्षियों को खाने के लिए फल भी कम मिल रहे है जो पक्षियों के लिए घातक है।
इन समस्या से बचने के लिए हमें अपना पर्यावरण शुद्ध रखना होगा और ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने होगें जिससे पक्षियों को कोई नुकसान न हो।
यदि आपके घर के किसी स्थान पर किसी पक्षी ने अपना आवास बनाया है और किसी कारणवश आपको अपना घर बदलना पड़ रहा है तो आप उस पक्षी के लिए किस तरह के प्रबंध करना आवश्यक समझेंगे? लिखिए।
यदि मुझे किसी कारणवश अपना घर बदलना पड़ रहा है तो मैं उस पक्षी के लिए कनक, चावल, मक्की, ज्वार, बाजरा आदि अनाज और साथ में पानी की कटोरी का इंतजाम करुँगी। इसके साथ - साथ सुरक्षा का प्रबंध करना आवश्यक समझूंगी ताकि उसे मेरी गैरमौजूदगी में उसे कोई परेशानी ना महसूस हो।
‘भूखे-प्यासे’ में द्वंद्व समास है। इन दोनों शब्दों के बीच लगे चिह्न को सामासिक चिह्न (-) कहते हैं। इस चिह्न से ‘और’ का संकेत मिलता है, जैसे-भूखे-प्यासे = भूखे और प्यासे।
इस प्रकार के दस अन्य उदाहरण खोजकर लिखिए।
1. दाल-रोटी – दाल और रोटी
2. अन्न-जल – अन्न और जल
3. सुबह-शाम – सुबह और शाम
4. पाप-पुण्य – पाप और पुण्य
5. राम-सीता – राम और सीता
6. सुख-दुख – सुख और दुख
7. तन-मन – तन और मन
8. दिन-रात – दिन और रात
9. दूध-दही – दूध और दही
10. कच्चा-पक्का – कच्चा और पक्का