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NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapte14 - लोकगीत प्रश्नावली

Achieve academic excellence with Class 6 Hindi Vasant NCERT Solutions for Chapter 14, "Lokgeet," provided by Vedantu. This comprehensive resource stands as the optimal choice for students aspiring to excel in their studies. Orchids The International School NCERT Solutions cover a diverse range of topics, offering students a well-rounded source for their academic endeavors.

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Lokageet

Question 1 :

1. ‘लोक’ शब्द में कुछ जोड़कर जितने शब्द तुम्हें सूझें, उनकी सूची बनाओ। इन शब्दों को ध्यान से देखो और समझो कि इनमें अर्थ की दृष्टि से क्या समानता है। इन शब्दों से वाक्य भी बनाओ, जैसे- लोककला। 

2. बारहमासा गीत में साल के बारह महीनों के वर्णन होता है। अगले पृष्ठ पर विभिन्न अंकों से जुड़े कुछ शब्द दिए गए हैं। इन्हें पढ़ो और अनुमान लगाओ कि इनका क्या अर्थ है और वह अर्थ क्यों है? इस सूची में तुम अपने मन से सोचकर भी कुछ शब्द जोड़ सकते हो:

1. इकतारा

2. सरपंच

3. चारपाई

4. छमाई

5. सप्तर्षि

6. नवरात्र

7. अठन्नी 

8. चौराहा

9. तिराहा

10.दोपहर


3.  को, में, से आदि वाक्य में संज्ञा का दूसरे शब्दों के साथ संबंध दर्शाते हैं। ‘झाँसी की रानी’ पाठ में तुमने का के बारे में जाना। नीचे ‘मंजरी जोशी’ की ‘भारतीय संगीत की परंपरा’ से भारत के एक लोकवाद्य का वर्णन दिया गया है। इसे पढ़ो और रिक्त स्थानों में उचित शब्द लिखो तुरही भारत के कई प्रान्तों में प्रचलित है। यह दिखने……अंग्रेजी के एस या सी अक्षर…… तरह होती है। भारत.. 

…….विभिन्न प्रान्तों में पीतल या काँसे….. बना यह वाद्य अलग-अलग नामों ….. जाना जाता है। धातु की नली…..घुमाकर एस…… आकार इस तरह दिया जाता है कि उसका एक सिरा संकरा रहे और दूसरा सिरा घंटीनुमा चौड़ा रहे। फूंक मारने…. एक छोटी नली अलग……जोड़ी जाती है। राजस्थान…….. इसे बर्गे कहते हैं। उत्तर प्रदेश…..यह तूरी, मध्य प्रदेश और गुजरात…..रणसिंघा और हिमाचल प्रदेश…… नरसिंघा….. नाम से जानी जाती है। राजस्थान और गुजरात में इसे काकड़सिंघी भी कहते हैं।

 

Answer :

1. लोकहित(अर्थ जन कल्याण) – सरकार द्वारा बनाई गई योजनाएँ लोकहित के लिए होती हैं।

लोकप्रिय(अर्थ प्रसिद्ध) – खुसरों के लोकगीत आज भी लोकप्रिय है

 

2.उपर्युक्त लिखित शब्दों के अर्थ निम्नलिखित हैं:

  1. इकतारा: राजस्थानी लोकगीत में इस्तेमाल होने वाला संगीत वादक यंत्र है। क्योंकि यह यंत्र अत्यंत लोकप्रिय है।

  2. सरपंच: गांव के पाँच अनुभवी, बुद्धिमान बुजुर्गों का समूह।

  3. चारपाई: चार पैरों वाला बिस्तर।

  4. सप्तऋषि: सात ऋषियों का समूह।

  5. अठन्नी: आठ आने का सिक्का।

  6. तिराहा: तीन रास्तों वाली जगह।

  7. दोपहर: दिन के 12 से 4 बजे तक का समय।

  8. छमाही: छह महीनों का समूह।

  9. नवरात्र: नौ रातों का समूह।

  10. चौराहा: चार रास्तों वाली जगह। 



    3.यह दिखने में अंग्रेजी एस या सी अक्षर की तरह होती है। भारत के विभिन्न प्रान्तों में पीतल या काँसे का बना यह वाद्य अलग-अलग नामों से जाना जाता है। धातु की नली को घुमाकर एस का आकार इस तरह दिया जाता है, कि उसका एक सिर संकरा रहे और दूसरा सिरा घंटी नुमा चौड़ा रहे। फूंक मारने को एक छोटी नली अलग से जोड़ी जाती है। राजस्थान में इसे बर्गे कहते हैं। उत्तर प्रदेश में यह तूरी, मध्य प्रदेश और गुजरात में रणसिंघा और हिमाचल प्रदेश में नरसिंघा के नाम से जानी जाती है। राजस्थान और गुजरात में इसे काकड़सिंघी भी कहते हैं।

 


Question 2 :

1. भारत के नक्शे में पाठ में चर्चित राज्यों के लोकगीत और नृत्य दिखाओ।

कुछ करने को:

2. अपने इलाके के कुछ लोकगीत इकट्ठा करो। गाए जाने वाले मौकों के अनुसार उनका वर्गीकरण करो।

3. जैसे-जैसे शहर फैल रहे हैं और गाँव सिकुड़ रहे हैं, लोकगीतों पर उनका क्या असर पड़ रहा है? अपने आसपास के लोगों से बातचीत करके और अपने अनुभवों के आधार पर एक अनुच्छेद लिखो।

4. रेडियो और टेलीविजन के स्थानीय प्रसारणों में एक नियत समय पर लोकगीत प्रसारित होते हैं। इन्हें सुनो और सीखों।

 

Answer :

1: भारत के विविध राज्यों में विविध लोकगीत और नृत्य का प्रस्तुतिकरण होता है। जैसे पंजाब में हीर-रांझा, सोनी महीवाल, राजस्थानी में ढोला मारू,   पीलू, सारंग,  दुर्गा, सावन,  आदि कहरवा, बिहार और धोबिया आदि प्रान्तों में गाए जाते हैं।

2: मेरे इलाके के कुछ लोकगीत निम्नलिखित हैं।

विवाह के लोकगीत; ……अरे अरे सगुनी सगुन ले आओ

सोहर गीत- कोइ माँगी कढैया न देय हमारा दिल हलवे पै

3: जैसे-जैसे शहर फैल रहे हैं, और गाँव सिकुड़ रहे हैं, लोकगीत पर उनका असर अवश्य है। किंतु अब असर इतना गहरा नहीं है, क्योंकि आज की संस्कृति भाग दौड़ वाली हो गई है, जहां आज केवल विवाह के समय ही लोकगीतों का स्मरण होता है। और वो भी गाँव से रिश्तेदारों द्वारा गाये जाते हैं।

4: रेडियों और टेलीविजन के स्थानीय प्रसारण नियम चैनल पर होता है। जैसे टेलीविजन में विविध चैनल हैं, इसके लिए उदहारण डीडी मराठी आदि। उसी प्रकार रेडियों में 105.5 पर प्रसारित होते हैं।

 


Question 3 :

1. निबंध में लोकगीतों के किन पक्षों की चर्चा की गई है? बिंदुओं के रूप में उन्हें लिखो।

 

 

2.हमारे यहाँ स्त्रियों के खास गीत कौन-कौन से हैं?


 

3. निबंध के आधार पर और अपने अनुभव के आधार पर (यदि तुम्हें लोकगीत सुनने के मौके मिले हैं तो) तुम लोकगीतों की कौन सी विशेषताएँ बता सकते हो?


 

4. ‘पर सारे देश के…….अपने – अपने विद्यापति हैं’ इस वाक्य का क्या अर्थ है? पाठ पढ़कर मालूम करो और लिखो।

 

Answer :

1. ‘लोकगीत’ निबंध में लोकगीत के निम्नलिखित आयामों की बात की गई है।

  1. लोकगीतों में महिलाओं की भूमिका।

  2. लोकगीतों के प्रकार।

  3. लोकगीतों की लोकप्रियता और प्रासंगिकता।

  4. लोकगीतों और शास्त्रीय संगीत में भिन्नता।

  5. लोकगीतों की अहमियत।

  6. लोकगीतों में समाज की रूपरेखा का चित्र।

2. स्त्रियों के सबसे खास लोकगीत निम्नलिखित हैं।

  1. विवाह के समय, भिन्न-भिन्न रस्मों में गाये जाने वाले गीत।

  2. बच्चे के जन्म पर गाये जाने वाले गीत।

  3. स्नान लेने के रास्ते में गाये जाने वाले गीत।

  4. नदियों और खेतों पर गाये जाने वाले गीत।

  5. घरेलू काम करते समय गाये जाने वाले गीत।

  6. नामकरण और अन्य संस्कारों के समय गाये जाने वाले गीत।

  7. बिहार का सोहर गीत इत्यादि।


3.  लोकगीतों की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं।

  1. लोकगीत आम जनता के लोकप्रिय गीत होते हैं। 

  2. इस गीत की भाषा आम बोलचाल की भाषा होती है, परिणामस्वरूप यह गीत घर घर की लाज लिए हुए है।

  3. इन गीतों में विविध वाद्य यंत्रों का प्रयोग होता है, जैसे बासुरी, करतल, मंजीरा और ढोल आदि।

  4. लोकगीतों में ताज़गी होती है, ये गीत गाँव के लोगों द्वारा ही लिखे जाते हैं। ये गीत ग्रामीण जीवन की ही अभिव्यक्ति करते हैं।

  5. ये गीत महिलाओं द्वारा घरेलू कार्य करते और विवाह आदि रीति रिवाजों में गाये जाते हैं।

  6. हर भाषा, हर समूह और हर गाँव का अपना लोकगीत होता है, जो गायक और श्रोतागण के अंतर्मन उद्वेलित करता है।


4. मिथिला क्षेत्र में विद्यापति के गीत लोकप्रिय हैं, ठीक उसी प्रकार हर भाषा, हर समूह और हर गांव का अपना लोकगीत होता है। जो उसी समूह के लोगों द्वारा और उन्हीं की जीवन शैली पर गाये जाते हैं। इसीलिए सारे देश के अपने-अपने विद्यापति है।

 


Question 4 :
  1. क्या लोकगीत और नृत्य सिर्फ़ गाँवों या कबीलों में ही गाए जाते हैं? शहरों के कौन से लोकगीत हो सकते हैं? इस पर विचार करके लिखो



  2. ‘जीवन जहाँ इठला-इठलाकर लहराता है, वहाँ भला आनंद के स्रोतों की कमी हो सकती है? उद्दाम जीवन के ही वहाँ के अनंत संख्यक गाने प्रतीक हैं। क्या तुम इस बात से सहमत हो? ‘बिदेसिया’ नामक लोकगीत से कोई कैसे आनंद प्राप्त कर सकता है और वे कौन लोग हो सकते हैं जो इसे गाते-सुनते हैं? इसके बारे में जानकारी प्राप्त करके कक्षा में सबको बताओ।

 

Answer :

1. लोकगीत और नृत्य केवल गाँवों या कबीलों में ही नहीं गाए जाते हैं। शहरों में भी लोकगीत गाए जाते हैं, क्योंकि गाँवों से ही लोग शहरों में बसने आते हैं। वो अपनी संस्कृति और लोकगीतों को अपने साथ लेकर चलते हैं। शहरों में विवाह, नामकरण आदि रस्मों के समय लोकगीत गाये जाते हैं।

 

2.हाँ, लोकगीतों से आनंद प्राप्त किया जा सकता है। लोकगीत लोक से निकले और लोक का चरित्र पेश करने वाले गीत होते हैं। जो मनुष्य को उसकी संस्कृति और समाज की केवल जानकारी ही नहीं, बल्कि उन्हें उससे जोड़ते भी है। किसी भी ग्रामीण क्षेत्र में लोकगीतों का महत्व सर्वोपरि होता है, क्योंकि वो उनका ही जीवन होता है। लोकगीतों से सभी लोग आत्मीयता से जुड़े होते हैं। लेकिन हाँ, ग्रामीण जीवन के मूल में ही लोकगीत हैं। वे अपने हर कार्य के दौरान लोकगीत गाते हैं।

 


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