(क) शहर की ओर जाते समय वल्ली ने नहर, उसके पास ताड़ के पेड़, घास के मैदान, सुदंर पहाड़ियाँ, नीला गगन और गहरी खाई देखी। उसने बस की खिड़की से दूर-दूर तक फैले खेत, और हरियाली ही हरियाली देखी।
(ख) वापसी में वल्ली ने एक मरी हुई बछिया देखी जिससे वह बेहद दुखी हो गयी। सारा समय उसका ध्यान उसी पर केंद्रित रहा इसलिए उसने खिड़की के बाहर देखना बंद कर दिया।
(ग) वल्ली ने छोटी-छोटी रेजगारी एकत्रित की। अपनी मीठी गोलियाँ, गुब्बारे, खिलौने खरीदने की इच्छा को दबाया, यहाँ तक कि पैसे एकत्रित करने के लिए वह गोल घूमने वाले झूले पर भी नहीं बैठी।