1. हीरे के प्रेमी उसे साफ़ सुथरा खरादा हुआ, आँखों में चकाचौंध पैदा करता हुआ पसंद करते हैं।
2. लेखक ने संसार में अखाड़े की मिट्टी में लेटने, मलने के सुख को दुर्लभ माना है। यह मिट्टी तेल और मट्ठे से सिझाई जाती है और पवित्र होती है। इसे देवता के सिर पर भी चढ़ाया जाता है। ऐसी इस अखाड़े की मिट्टी को अपनी देह पर लगाना संसार के सबसे दुर्लभ सुख के समान है।
3. मिट्टी की आभा का नाम ‘धूल’ है, उसकी पहचान धूल से ही होती है।