1. रंग की शोभा ने उत्तर दिशा में लाल रंग ने थोड़े समय के लिए लालिमा फैला दी।
2.बादल एकदम सफ़ेद कपास की तरह हो गए थे।
3.लोग आकाश, पृथ्वी, जलाशयों का वर्णन करते हैं।
4.कीचड़ से कपड़े गन्दे होते हैं, शरीर पर भी मैल चढ़ता है। परन्तु कीचड़ में कमल जैसा फूल भी होता है।
5.कीचड़ जैसा रंग कला प्रेमी, कलाकार और फोटोग्राफर बहुत पसंद करते हैं। गत्तों दिवारों और वस्त्रों पर भी यह रंग पसंद किया जाता हैं।
6. नदी के किनारे कीचड़ जब सूख जाता है तो उसमें आड़ी तिरछी दरारें पड़ जाती हैं। वह देखने में बहुत सुन्दर लगता है जैसे सुखाया हुआ हो। कभी-कभी किनारे पर समतल और चिकना फैला कीचड़ भी सुन्दर लगता है।
7.सूखा कीचड़ जब सूखकर ज्यादा ठोस हो जाए, और तब उसके ऊपर बगुले, पक्षी, गाय, बैल, भैंस, पाड़े, बकरी इत्यादि के पदचिन्ह उस पर अंकित होते हैं, तो वह और भी सुन्दर लगता है।
8.‘पंक’ का अर्थ है कीचड़ और पंक् + अज अर्थात् कीचड़ में उत्पन्न अर्थात कमल। पंक से सब घृणा करते हैं। पंकज को सिर माथे पर लगाया जाता है।