हमने पाठ का अध्यन किया हैं यदि पाठ के आधार पर कहा जाए तो लाल का व्यवहार क्रांतिकारी प्रवृति का था। लाल के जीवन का मुख्य उद्देश्य केवल अपने देश को आजाद करवाना था तथा लाल हमेशा इसके लिए प्रयत्नशील रहते थे। लाल के बढ़ते क्रांतिकारी प्रयत्नों के कारण अंग्रेजी सरकार ने उन्हें देशद्रोही घोषित कर दिया। अंग्रेजी सरकार के इस व्यवहार पश्चात भी लाल ने उनके विरूद्ध किसी प्रकार का षडयंॠ नहीं रचा। लाल की क्रांतिकारी प्रवृति और कार्यों कि वजह से अंग्रजों ने उन्हें फसा दिया। अगर देखा जाए तो हमारे अनुसार हम लाल कि क्रांतिकारी कार्यों को षडयंत्रकारी नहीं कहा जा सकता।