इंद्रियां सबसे महत्वूर्ण तत्व हैं जिसके बिना मनुष्य की परिकल्पना असंभव है।इसके बिना मानव केवल पशु है क्योंकि यह इंद्रियां मनुष्य को दिव्य बनती हैं और शीर्ष पर पहुंचती है।यह इंद्रियां है जो मनुष्य को इतना नीचे गिर देती हैं कि वह उठ नहीं पता। इंद्रियां जीवन पथ से भटकाती है उसका काम बस खुद को संतुष्ट करना है। इंद्रियां वासना के जाल ने उलझाकर मनुष्य को लक्ष्य पथ से भटकाती रहती हैं। विशेष रूप से ईश्वर प्राप्ति के मार्ग में इंद्रिय सबके बड़ी बाधा बन जाती हैं।यह साधक को संसार के मोह में उलझाए रखती है और उसे भक्ति के मार्ग बढ़ने नहीं देती। इसलिए यह बिल्कुल सच है कि लक्ष्य प्राप्ति में इंद्रियां बाधक होती है।