जेठू के इस कथन से,यह समझा जा सकता है कि परिस्थितियां चाहे कितनी भी मुश्किल क्यों ना हो, मनुष्य की इच्छा शक्ति यदि प्रबल हो तो वह अपनी इच्छाशक्ति से कोई भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है।
आशापूर्णा देवी एक सामान्य गृहिणी थी जो पूरे दिन घर के कामों में व्यस्त रहा करती थी। उन्हें लिखने का बहुत शौक था। जब पूरा परिवार सोता था, तब वह लिखा करती थी। वह स्वयं लिख लिख कर एक बहुत ही प्रसिद्ध कथाकार बन गई। हां, यह बात सत्य है कि उनकी अपेक्षा बेबी की स्थिति बहुत खराब है। बेबी वित्तीय संकट से जूझ रही है। लेकिन, यदि वह हमेशा लिखते रहेगी तो अपने लेखन शैली को और बेहतर बना सकती है। यदि बेबी खुद को व्यस्त जीवन से निकाल पाए तो वह अपने आप एक प्रसिद्ध लेखिका बन सकती है।