राजस्थान के बारे में सब जानते है कि, राजस्थान में रेत अथाह है और भारत का सबसे बड़ा रेगिस्तान भी वही पर है। चारो तरफ रेत होने के कारण जब वर्षा होती है, तो बारिश का पानी रेत में समा जाता है फलस्वरूप ऊपरी सतह पर पानी का तो कोई असर नहीं होता, परन्तु नीचे की सतह पर नमी जमा हो जाती है। यही नमी बालू के निचे से मिट्टी की ऊपरी परत तक रहती है। पानी के रूप में नमी को बदलने के लिए व्यास के ऊपरी सतह को २५-३० मीटर की गहराई तक खोदा जाता है। चिनाई का काम भी खुदाई के साथ कर लिया जाता है। खुदाई और चिनाई का काम ख़त्म होते ही खड़िया की पट्टी पर धीरे धीरे नमी के कारण पानी का रिसाव शुरू हो जाता है और पानी रिस रिस कर जमा होने लगता है। इसी गहरी और संकरी जगह को कुंई कहते हैं।